कॉम्पिटेटिव एग्जाम की तैयारी के लिए जरूर पढ़ें जीके और करंट अफेयर्स से जुड़े ये 18 सवाल

हर साल 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे मनाया जाता है। साल 1928 में 28 फरवरी के ही दिन भौतिक वैज्ञानिक सीवी रमन ने ‘रमन इफेक्ट' का आविष्कार किया गया था, जिसके बाद साल 1986 से हर साल इस दिन को नेशनल साइंस डे के रूप में मनाया जाता है। ट्रांसपैरेंट सब्टेंस से गुजरने पर प्रकाश की किरणों में आने वाले बदलाव पर की इस महत्‍वपूर्ण खोज के लिए सीवी रमन को 1930 में फिजिक्स के नोबेल पुरस्‍कार से भी सम्‍मानित किया गया था। खास बात यह है कि फिजिक्स में नोबेल पुरस्‍कार पाने वाले सीवी रमन भारत ही नहीं बल्कि एशिया के भी पहले वैज्ञानिक थे। 


वीमेन इन साइंस 
हर साल इस मौके पर सभी स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों में साइंस से जुड़े तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। साथ ही सरकार की तरफ से साइंस की फिल्ड में अपना योगदान देने वाली शख्सियत को नेशनल साइंस पॉपुलराइजेशन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जाता है। हर बार की तरह इस बार साइंस डे वीमेन इन साइंस की थीम पर आधारित है। इस दौरान विज्ञान भनव में होने वाले एनएसडी-2020 कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रिसर्च और सामाजिक कल्याण के लिए साइंस का इस्तेमाल करने वाली 5 महिला साइंसिस्ट को सम्मानित करेंगे। साथ ही एफआरएस डॉ. गगनदीप कांग इस कार्यक्रम में अपना लेक्चर भी देंगी।


साइंस टेक्नोलॉजी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली महिलाएं


रितु करिधल- इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत रितु करिदल चंद्रयान -2 की मिशन निदेशक रही हैं। वह मार्स ऑर्बिटर मिशन की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर भी रही हैं। इन्होंने चंद्रयान-2 की शुरुआत करने वाली महिला के रूप में प्रसिद्धि पाई।


नंदिनी हरिनाथ- बेंगलुरु में इसरो सैटेलाइट सेंटर के रॉकेट वैज्ञानिक, नंदिनी 20 साल से यहां अपनी पहली नौकरी के रूप में काम कर कर रही है। इस दौरान वह 14 मिशनों पर काम कर चुकीं हैं। मंगलयान मिशन के लिए वह डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर थी।


डॉ. गगनदीप कांग- रॉयल सोसायटी ऑफ लंदन और अमेरिकन एकेडमी ऑफ माइक्रोबॉयोलॉजी की फेलो बनने वाली पहली भारतीय महिला डॉ. कांग, ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट की कार्यकारी निदेशक हैं। देश में बच्चों के हिसाब से डायरिया रोकने के लिए रोटावायरस वैक्सीन विकसित करने का श्रेय डॉ. गगनदीप कांग को जाता है।